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साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 6


शाम 7 बजे
पुलिस स्टेशन
गोविंद नगर ( नयागांव)

विक्की अभी थाने में बैठा था।  तभी उसके ऑफिस में एक खाकी ड्रेस पहने डॉक्टर आया और जल्दबाजी के साथ विक्की के ही सामने वाली कुर्सी में बैठ गया

विक्की उसे देखकर भौचक्का रह गया, जिसे वो लोग ढूंढने की पचासों कोशिशें कर चुके थे वो खुद आकर उसके सामने आ बैठा था
"तुम!" विक्की ने हैरानी से कहा।

"हाँ मैं! जिसके बारे में गलत गलत अफवाह फैलाई हुई है, कौन सा नशा करते हो यार इंस्पेक्टर साहब , कोई भी डॉक्टर वरुण की ड्रेस पहनकर ऑपरेशन थेटर में घुस जाएगा तो वो डॉक्टर वरुण हो जाएगा क्या?"  वरुण ने कहा।

"क्या मतलब है तुम्हारा?" विक्की ने सवाल किया

"मतलब बाद में समझाऊंगा, पहले मेरी कंप्लेन लिखो, मैं यहां रिपोर्ट लिखाने आया हूँ" वरुण बोला।

"लेकिन किसकी, यहां ऑलरेडी तुम्हारे खिलाफ कम्प्लेन लिखी जा चूकी है, तुमपर एक लाश ठिकाने लगाने और इंस्पेक्टर को पीटकर भागने का आरोप है" विक्की ने कहा।

"झूठ है ये सब, ना मैंने किसी लाश को छिपाया है ना ही आपपर हाथ उठाया है,मैं खुद चौबीस घंटे बाद आ रहा, मुझे कुछ लोगो ने किडनेप कर लिया था, कल दोपहर दो बजे से अभी तक मे बंद ही था किसी सुनसान कमरे में, बड़ी मुश्किल से जान बचाकर भाग के आया हूँ।" वरुण ने कहा।

वरुण की बात सुनकर विक्की के तोते फ़रर्फ़राने लगे, ये सब उसके लिए अजीब था,उसे तो वरुण पर रत्ती भर भी भरोसा नही था।

"ये सब तुम खुद को बचाने के लिये बोल रहे हो ना?" विक्की ने कहा।

"यार मुझे किडनैप किया गया था इसमे झूठ जैसा क्या है?   और मैं झूठ क्यों बोलूँगा,सच मे मुझे किसी ने किडनैप किया था" वरुण ने कहा।

विक्की ने एक बार याद किया उस पल को जब डॉक्टर विक्की पर मुक्के बरसा रहा था। तब उसके हाथ मे सोने की अंगूठी भी थी जिसमें कछुआ बना हुआ था।

"हाथ दिखाओ" विक्की ने कहा।

वरुण ने दोनो हाथ टेबल पर रखते हुए कहा- "अब क्या लकीरों से पूछोगे" 

"अंगूठी कहाँ है तुम्हारे हाथ की"

"कौन सी अंगूठी, मैं तो पहनता नही अंगूठी"

"मतलब तुम्हारे उंगली में अंगूठी थी ही नही।" विक्की ने कहा।

"अरे जब पहनता नही तो कैसे होगी" वरुण बोला।

"इसका मतलब वो कोई और था जो तुम्हारे वेश में आया था" विक्की चौंकते हुए बोला।

"इसी लिए तो रिपोर्ट लिखवा रहा, मुझे कल दो बजे किडनैप करने के बाद अब तक बंद रखा गया, इस बीच कोई मेरा वेश बनाकर राहुल की लाश को ठिकाना लगा गया होगा, और तुमसे भी उसी की मुठभेड़ हुई होगी।"  डॉक्टर ने कहा।

"राहुल की लाश…. लेकिन राहुल तो जिंदा था ना" विक्की ने सवाल किया।

"कैसे पुलिस वाले हो आप, थोड़ा तो दिमाग लगाइए, इतना तो सब जानते है कि राहुल को गायब करने वाला कौन हो सकता है।"  वरुण बोला।

"कौन?" विक्की ने सवाल किया।

"आप नही जानते कौन?"  वरुण बोला।

"नही जानता तभी पूछ रहा, अगर जानता होता तो अभी तक उसे सलाखों के बीच ना कर देता " विक्की ने कहा

डॉक्टर ने थोड़ी धीमी आवाज से डॉक्टर को आगे आगे आने को कहा और कहा- "तुम्हे ये वर्दी पहना किसने दी रे बाबा! किडनी कसम तुम लायक नही लग रहे इनके"

विक्की ने अपना मुंह पीछे हटाते हुए कहा- "अपनी किडनी अपने पास रखो, तुम तो जानते हो ना, तो बताओ किसने किया राहुल को गायब, दिमाग तो बस आपके पास है, जरा हमारी भी मदद कर दो"

"मैं बताता हूँ,राहुल पर जिसने गोली चलाई है उसी ने लाश गायब भी करवाई होगी, और उसी ने मुझे भी किडनैप किया होगा ताकि वो राहुल को गायब कर सके।"

"लाश नही थी वो, जिंदा था राहुल, एक ही बाग कितनी बार समझाऊं तुम्हे। और अगर इसे तुम दिमाग बोलते हो तो मैं भी उसे भी जानता हूँ जिसने गोली चलाई, जरूर गोली उसी ने चलाई है जिसने राहुल को गाड़ी से टक्कर मारकर  मारना चाहा था। " विक्की ने कहा

"बिल्कुल, गाड़ी वाला, गोली वाला और किडनैपर सब एक ही है, और रही बात राहुल के जिंदा और मरने की, तो उसका जवाब ये है कि जो बंदा राहुल पर गोली चलाएगा वो राहुल को जिंदा ही किडनैप क्यो करेगा, जरूर उन्होंने उसे मारकर ठिकाने लगाया होगा। " वरुण ने कहा।

"लेकिन तुम्हे किडनैप किया किसने था? अगर तुम उन्हें जानते हो तो ये केस आसानी से शोल्व हो जाएगा" विक्की ने कहा।

"वो तो मुझे भी नही पता, मुझे बेहोश कर दिया गया था, और जब आंख खुली तो बहुत अंधेरा था कमरे में, तब से लेकर आज दोपहर तक मे अकेले उस कमरे में छटपटाता रहा,बड़ी मुश्किल से मौका देखकर भाग आया और सीधे यहीं आया।" वरुण ने कहा।

"मतलब तुम उनके बारे में कुछ नही जानते?" विक्की बोला।

"शायद वो दोनो राहुल के दुश्मन थे, और राहुल को मारने के चक्कर मे उन्होंने मेरा  किडनैप किया, और  मुझे शक्ल सूरत और पता नही पता था इसलिए जिंदा छोड़ दिया अगर मैं कुछ भी जानता तो जिंदा नही लौटता" वरुण ने कहा।

विक्की ने वरुण की बात ध्यान से सुनी और कहा- "क्या लिखूं रिपोर्ट में"

******

दुसरी तरफ दीपक राहुल को सोफे में बिठाकर पुरानी कहानी सुना रहा था जिस कहानी में रोशनी उसकी थी , वो खुद हीरो था और अनुराग विलन। लेकिन फिर अचानक ना जाने क्या याद आया कि वो अपने कमरे में गया और अपने हाथ मे छोटा सा हैंडबैग लेकर आया , हैंडबैग को टेबल में रखकर उसमे हाथ डालकर कुछ ढूँढने लगा।

"इसमे क्या ढूंढने लगे, ये तो बताओ कि अनुराग ने क्या किया , और रोशनी अनुराग से इतना डरती क्यों थी।"

दीपक ने अपने कमर से बंदूक निकालकर टेबल पर रख दिया और हैंडबैग से गोलियां निकालकर उस बंदूक के बगल में रखता गया।

"ये क्या कर रहे हो तुम" राहुल चिंतित स्वर में बोला

"तुम्हे इनाम देना है, तुम्हारा सवाल मुझे पसंद आया"  हल्की सी मुस्कराहट के साथ दीपक ने कहा।

"पूरी कहानी सुनाकर भले मार देना मुझे, लेकिन ये अधूरी कहानी मुझे चैन से मरने नही देगी" राहुल बोला।

"हहहहह…. तुम बहुत मजेदार हो यार, लगता है कहानी सुनने के शौकीन हो" दीपक ने कहते हुए बन्दूक हाथ मे ले ली और उसे खोलकर टेबल से एक एक करके गोलियां उठाकर उसमें भरने लगा।

"शौकीन तो लिखने का भी था, लेकिन होटल की नौकरी में सुनने को मिल जाये वही बहुत है, हमारे कैशियर साहब सुनते है fm में स्टोरी वगैरा, और कभी कभी उसमे इतनी प्यारी कहानियां सुनने को मिलती है कि मैं भूल जाता हूँ कि मैं होटल का वेटर हूँ, किसका ऑर्डर होता है किसे दे आता हूँ, और उससे भी मजेदार एक बात बताऊँ एक बार तो एक कस्टमर ने पूरा खाना खा लिया उसके बाद उसे याद आया कि उसने तो कुछ और आर्डर किया था। हहहहहह…… बेचारा कभी मुझे देख रहा कभी काउंटर में बैठे बाबूजी को, डेढ़ सौ का खाना मंगाया और साढे तीन सौ वाला खा लिया, बाकी के दो सौ रुपये देने में नखरे कर रहा था तो मैंने भी कह दिया कि हमारे पास दस कस्टमर है, भूल जाते है कि किसका आर्डर है, आपको देखकर खाना चाहिए था।" राहुल हँसते हुए बोला।

"अच्छा! फिर मालिक ने आपको डांटा नही क्या?"

"नही, शाबासी दी! " राहुल ने कहा।

"शाबासी! लेकिन शाबासी क्यों?" दीपक बोला।

"क्योकि जिसने साढेतीन सौ वाला मंगाया था उसे डेढ़ सौ का दे दिया था और उसे खाने के बाद भी पता नही चला, उसने साढेतीन सौ पेय किया और चले गया।" राहुल ने कहा।

दीपक को उसकी बात पर जोर से हँसी आ गयी- "हहहहह कमाल का किस्सा था, लेकिन fm में ऐसी कौन सी कहानी चल रही थी जो तुम्हारा ध्यान भटका था,वैसे ध्यान तो उन दोनों कस्टमरों का ज्यादा भटका मालूम हो रहा है"

"उनका भटका था या मेरा, लेकिन वो कहानी बहुत अच्छी थी, लाजवाब ट्विस्ट थे, उसमे ये बताया गया था कि एक मुजरिम पैदाइशी मुजरिम नही होता, वो भी एक सिम्पल सी जिंदगी से तंग आकर अपराध की दुनिया मे आता है, इस कहानी में गोविंद नाम का लड़का ईमानदारी से संघर्ष करते हुए जब थक जाता है तो अपराध की दुनिया मे कदम रखने लगता है और बन जाता है एक लुटेरा….और गलत कामों का अंत तो बुरा ही होता है ना…. उसे भी फांसी हो जाती है" राहुल  बता ही रहा था कि दीपक बोल पड़ा - "सज़ा नही इनाम है फांसी" इसी की बात कर रहे हो ना।"

राहुल खुश होते हुए बोला- "हाँ हाँ लेकिन ये सब आपको कैसे पता, आपने भी सुनी है क्या? "

"ह्म्म्म बहुत अच्छी कहानी है, लेकिन मुझसे उस कहानी को कंपेयर मत करना, उस कहानी का हीरो खुद को सरेंडर करता है, खुद ही जेल में जाता है वरना पुलिस कहाँ उसे पकड़ पाती, और मैं कोई लुटेरा नही हूँ, मुझे बस  बदला लेना है, रोशनी को  इंसाफ दिलाना है, और ये मेरी इंसाफ की लड़ाई है, मैं अमन और विजय दोनो को मारकर ही चैन की सांस लूँगा फिर भले मौत मुझे गले क्यो ना लगा ले।" दीपक ने कहा।

"ऐसा क्या हुआ यार, वैसे रोशनी है कहाँ?" राहुल ने सवाल किया।

"मिलाऊँगा, एक बार मेरा काम खत्म हो जाये फिर तुम्हे भी रोशनी से मिलाऊँगा" कहते हुए दीपक ने बंदूक को गोलियों से भरकर उसी हैंडबैग में डाल दिया और अपनी कमीज को उतारकर खूंटी में टांकते हुए नहाने के लिए चले गया।

"जल्दी आना, मुझे भी नहाना है, गर्मी बहुत लग रही" राहुल ने कहा और सोफे में बैठकर पैर टेबल में रखकर आराम करने लगा।

कहानी जारी है


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2 Comments

इंट्रेस्टिंग.....

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🤫

25-Jul-2021 01:06 AM

बेहद इंट्रेस्टिंग स्टोरी... अगले भाग की प्रतीक्षा में

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